Vraja Mandal Parikrama (Hindi) :: PDF

PDF Title Vraja Mandal Parikrama (Hindi)
Pages 842 Pages
PDF Size 57.2 MB
Language Hindi
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Source vedpuran.net

 

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यथार्थमें श्रीकृष्णके प्रति गोपियोंका प्रेम ही ‘काम’ शब्द वाच्य है। ‘प्रेमेव गोपरामाणां काम इत्यागमत प्रथाम्‌’, अर्थात्‌ गोपिकाओंका निर्मल प्रेम जो केवल श्रीकृष्णको सुख देनेवाला होता है, जिसमें लौकिक कामकी कोई गन्ध नहीं होती, उसीको शास्त्रोंमें काम कहा गया है। सांसारिक काम वासनाओंसे गोपियोंका यह शुद्ध काम सर्वथा भिन्‍न है। सब प्रकारकी लौकिक कामनाओंसे रहित केवल प्रेमास्पद कृष्णको सुखी करना ही गोपियोंके कामका एकमात्र तात्पर्य है। इसीलिए गोपियोंके विशुद्ध प्रेमको ही श्रीमद्धागवतादि शास््रोंमें कामकी संज्ञा दी गई है।।