PDF Title | Narad Bhakti Shandilya (Hindi/Sanskrit) |
---|---|
Pages | 16 Pages |
PDF Size | 169 KB |
Language | Hindi/Sanskrit |
Sub-Category | |
Source | vedpuran.net |
Narad Bhakti Shandilya (Hindi/Sanskrit) – Download
उदय होना), विदुर आदिकी भाँति भगवान् या भगवद्धक्तके दर्शनसे प्रीति, गोपीजनोंकी भाँति भगवानके विरहकी अनुभूति, उपमन्यु तथा श्रेतद्वीपवासियोंके समान भगवद्धिन्न वस्तुओंसे स्वभावत: अरुचि होना, भीष्म एवं व्यास आदिकी तरह निरन्तर भगवान्की महिमाका वर्णन, ब्रजवासियों तथा हनुमानजीकी भाँति भगवान्के लिये जीवन धारण करना, बलि आदिकी भाँति मैं तथा मेरा सब कुछ भगवान्का ही है, यह भाव रखना, प्रह्मादनीकी तरह सबमें भगवद्धाव होना, भीष्म, युधिष्टिर आदिकी भाँति कभी भगवान्के प्रतिकूल आचरण न करना आदि बहुत-से भक्तिसूचक चिह्न स्मृतियों (इतिहास-पुराणोंके वर्णन)-से भी प्राय: लक्षित होते हैं।