PDF Title | Manusmiriti (Hindi/Sanskrit) |
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Pages | 683 Pages |
PDF Size | 20.5 MB |
Language | Hindi/Sanskrit |
Sub-Category | |
Source | vedpuran.net |
Manusmiriti (Hindi/Sanskrit) – Download
अधिक कर से न दयावे नप्त, कर दाने भात्र रक््ले ! अपने के रोगादि दे! तो मन्न्री से काम छे; प्रजा रक्षा न करने की निन््दा, ब्राह्ममुहूर्समें उठता, संध्या अग्निद्वेत्, ब्राह्मण सुभूपा फरना, रांजसभामें जाकर प्रज्ञा के व्यवहार ( मुकदमे ) देखना, प्रज्ञा का विसर्जन करके एकान्त देश में मन्त्र करना, गू गे बहरे आदि के। मन्त्र समय दूर भगाना, परन्तु आदरपूवंक मन्त्रियों की परस्पर ब्रिरुद्ध लम्मतियों से सार निकालना, वन्या और कुमारों पर राजा का कर्तव्य, दूत भेजना, काये शेप को ज्ञाना.