Manglacharan (Hindi/Sanskrit) :: PDF

 Manglacharan (Hindi/Sanskrit) :: PDF

PDF Title Manglacharan (Hindi/Sanskrit)
Pages 16 Pages
PDF Size 259 KB
Language Hindi/Sanskrit
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Source vedpuran.net

 

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दन्तधावन–शौचनिवृत्तिके पश्चात्‌ व्यक्तिको दातौन तथा मंजनसे दाँतोंको साफ करना चाहिये। आजकल दाँतोंको साफ करनेके लिये ब्रशका प्रयोग लोग अधिक करते हैं। परंतु नीम तथा बबूल आदिकी दातौन दाँतोंकी सुरक्षाके लिये अधिक लाभप्रद है। रविवार, एकादशी, चतुर्दशी, अमावास्या, पूर्णिमा, ब्रत और श्राद्धादि दिनोंमें दातान करनेका निषेध है। अतः इन दिनोंमें केवल शुद्ध मंजनसे ही दाँत साफ करना श्रेयस्कर है। दाँत साफ करनेके बाद जीभीसे जीभ भी साफ करनी चाहिये। व्यायाम तथा वायुसेवन–शरीरको स्वस्थ रखनेके लिये, कार्य करनेकी सामर्थ्य बनाये रखनेके लिये, ‘पाचनक्रिया तथा जठराग्रिको ठीक रखनेके लिये शरीरको सुगठित, सुदृढ़ और सुडौल बनानेकी दृष्टिसे, अपने आयु, बल, देश और कालके अनुरूप नियमितरूपसे योगासन अथवा व्यायाम अवश्य करना चाहिये। ऐसा करनेसे व्यक्ति सामान्यतः बीमार नहीं होते और उन्हें औषधिसेवनकी आवश्यकता ही नहीं पड़ती।