Linga Purana ( लिङ्ग पुराण ) :: PDF

Linga Purana  ( लिङ्ग पुराण ) :: PDF

PDF Title Linga Purana ( लिङ्ग पुराण )
Pages 390 Pages
PDF Size 14.4 MB
Language Hindi
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Source vedpuran

 

Linga Purana ( लिङ्ग पुराण ) – Download

जे के समय समस्त पुराणों के ज्ञाता सूतजी ने सभी तपस्वियों को आकर प्रणाम किया। नैमिषारण्य वासी मुनियों ने उन्हें श्रीकृष्णद्वैघायन व्यास के शिष्य जानकर पूजा और वन्दना की। तब उन अत्यंत विद्वान और विश्वास योग्य लोम हर्षण को देखकर सभी मुनियों को पुराण सुनने की इच्छा हुई और उनसे लिंग महापुराण के महात्म्य के विषय में पूछा। ऋषि बोले–हे सूतजी! आपने श्रीकृष्णद्वैपायन मुनि की उपासना करके उनसे पुराण संहिता प्राप्त की है। इसलिये हे सभी पुराणों के ज्ञाता सूतजी! हम सभी आपसे दिव्य लिंग संहिता को पूछते हैं। इस समय मुनियों में श्रेष्ठ नारद जी भी रुद्र भगवान के अनेक क्षेत्रों में भगवान की पूजा करते हुये यहां पथारे हैं। आप भी शिव के भक्त हैं तथा नारद भी और हम सब भी शिवजी के भक्त हैं।