Kena Upanishad (Hindi) :: PDF

Kena Upanishad (Hindi) :: PDF

PDF Title Kena Upanishad (Hindi)
Pages 41 Pages
PDF Size 3.6 MB
Language Hindi
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Source vedpuran.net

 

Kena Upanishad (Hindi) – Download

भावार्थ- वह ब्रह्म कानों के गत में नहीं आता है, वरन्‌ कान जिसकी सहायता से सुनते हैं, तू उसको ब्रह्म जान । जिस श्रद्दादि विषय की साँसारिक लोग उपासना करते हैं, वह ब्रह्म नहीं हैं | भाव यह है कि ब्रह्म को अपने कार्यों में कान आदि इन्द्रियों की आवश्यकता नहीं है। वरन्‌ कान आदि में आदि का सामर्थ्य ब्रह्म के रचे नियमों के कारण से है | कोई ब्रह्म की सहायता के विना कुछ नहीं कर सकती । ७।