Garuda Purana ( गरुड़ पुराण ) :: PDF

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PDF Title Garuda Purana ( गरुड़ पुराण )
Pages 528 Pages
PDF Size 32.3 MB
Language Hindi
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Source vedpuran

 

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गृहस्थाश्रमके धर्ममें स्त्रियोंके कर्तव्यका भी विवेचन हुआ है। स्त्रियोंकों अपने पतिकी आज्ञाका पालन करना चाहिये, यही उनका परम धर्म है। जिस घरमें पति-पत्रनोके मध्य किसी प्रकारका विरोध नहीं होता, उस घरमें धर्म, अर्थ और काम –इस त्रिवर्गकी अभिवृद्धि होती है। जो स्त्री पतिकी मृत्युके पश्चात्‌ अथवा उसके जीवित रहते हुए अन्य पुरुषका आश्रय नहीं लेती, वह इस्र लोकमें यज्ञ प्राप्त करती है और अपने पातित्रत्यके प्रभावसे परलोकमें जाकर पार्बतीके साहचर्यमें आनन्द प्राप्त करतो है। अग्निहोत्रका पालन, पृथ्वोपर शयन, मृगचर्मका धारण, बनमें निवास, दूध, मूल, फल तथा निवारका भक्षण, निषिद्ध कर्मका परित्याण, त्रिकाल-संध्या, ब्रह्मचर्यका पालत और देवता तथा अतिथिको पूजा–यह वातप्रस्थीका धर्म है।