Brahma Purana ( ब्रह्म पुराण ) :: PDF

Brahma Purana ( ब्रह्म पुराण ) :: PDF

PDF Title Brahma Purana ( ब्रह्म पुराण )
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Language Hindi
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Brahma Purana ( ब्रह्म पुराण ) – Download

पूर्वकालमें जब ग्रह्मजी सृष्टिका विस्तार करना चाहते थे, उस समय | उनके मनसे महर्षि अश्रिका प्रादुर्भाव हुआ, जो चद्रमाके पिता थे। सुननेमें आया है कि अत्रिने लीन हजार दिव्य वर्षोतक अनुत्तर नामकौ तपस्या की थी, उसमें उनका वीर्य ऊर्ध्वगामी हो गया | था। वही चद्धमाके रूपमें प्रकट हुआ। महर्षिका |यह तेज ऊर््यंगामी होनेपर उनके नेत्रेंसे जलके रूपमें गिरा और दसों दिशाओंकों प्रकाशित करने |लगा। चन्द्रमाको गिरा देख लोकपितामह ब्रह्माजीने सम्पूर्ण लोकोंके हितकी इच्छासे उसे रथपर रे बिठाया। अत्रिके पुत्र महात्मा सोमके गिरनेपर ,£ समस्त लोकोंकी पुष्टिके लिये सब ओर फैला | स्तबनसे तेजको पाकर महाभाग चन््रमाने बहुत दिया। चद्रमाने उस श्रेष्ठ रथपर बैठकर समुद्रपर्यन्‍त | वर्षोतक तपस्या कौ; उससे संतुष्ट होकर ब्रह्मवेत्ताओमें समूची पृथ्वोकौ इक्कौस बार परिक्रमा कौ। उस , श्रेष्ठ ग्रह्माजीने उन्हें बीज, ओषधि, जल तथा [समय उनका जो तेज चूकर पृथ्वीपर गिरा, उससे |