PDF Title | Bhavishya Purana ( भविष्य पुराण ) |
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Pages | 448 Pages |
PDF Size | 26.9 MB |
Language | Hindi |
Sub-Category | |
Source | vedpuran |
Bhavishya Purana ( भविष्य पुराण ) – Download
यह देश सभी देज्ञॉमें उत्तम है। बहुत पुण्यसे प्राणीका जन्म भारतवर्षमें होता है। इस देझमें जन्म फाकर जो अपने कल्याणके लिये सत्कर्म करता है वही बुद्धिमान् है। जिसने ऐसा नहीं किया, उसने अपने आत्पाके साथ बछना की। जबतक यह दारीर स्वस्थ है, सथतक जो कुछ पुण्य बन सके, कर लेना चाहिये, बादमें कुछ भी नहीं हो सकता । दिन-णतके बहाने नित्य आयुके ही अदा खष्डित हो रहे हैं। फिर भी ममुष्योंको बोध नहीं होता कि एक दिन मृत्यु आ पहुँचेगी और इन सभी सामप्रियोंकों छोड़कर अकेले चल्त्र जाना पड़ेगा। फिर अपने हाथसे ही अपनी सम्पत्ति सत्पात्रोंको क्यों नहीं बाँट देते ? मनुष्यके लिये दान ही पाथेय अर्थात् रास्तेके लिये भोजन है। जो दान करते हैं ये सुखपूर्वक जाते हैं। दान-हीन मार्गमें अनेक दुःख पाते है। भूखे मस्ते जाते हैं, इन सब्र बातोंकों विचारकर पुण्य कर्म ही करना चाहिये। पुण्य कमोंसे देखत्व प्राप्त होता है और पाप करनेसे नरककी प्राप्ति होती है।।