PDF Title | Atharvaveda ( अथर्ववेदः) |
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Pages | 470 Pages |
PDF Size | 22.3 MB |
Language | Hindi |
Sub-Category | |
Source | vedpuran |
Atharvaveda(अथर्ववेदः) – Download
अधथर्ववेटीय कौशिक सूत्र के टारिल’ भाष्य में अधर्वबेद की तीन संहिताओं का उल्लेख पाया जाता है, जबकि अन्य तीनों वेदों की एक-एक संहिता हो उपलब्ध होती है, जिसका मुद्रण-प्रकाशन होता रहता है । दारिल भाष्य में अधर्व की जिन तीन संहिताओं का उल्लेख है, उनके नाम हैं – (0 आरषी-संहिता (5) आचार्य संहिता और (क) विधि-प्रयोग संहिता । आर्षी संहिता- क्र्रषियों के द्वारा परम्परागत प्राप्त मंत्रों के संकलत को “आर्षी संहिता” कहा जाता है। आजकल काण्ड, सूक्त और मंत्रों के विधाजन वाला जो अधवधद उपलब्ध है, जिसे शौनकौय संहिता भो कहा जाता है, ऋषि संहिता या आप्षों – संहिता हो है । आचार्य संहिता – दारिल भाष्य में इस संहिता के संदर्भ में उल्लेख है कि उपनयन संस्कार के बाद आचार्य अपने शिष्य को जिस रूप में अध्ययत कराता है , वह आचार्य संहिता कहलाती है ।*